चीन के अतिप्राचीन ताओवाद सम्प्रदाय के सबसे महत्त्वपूर्ण एवं प्रामाणिक ग्रन्थ, यह ताओ ते चिंग पहली बार के लिए हिन्दी भाषा में प्रस्तुत किया जा रहा है. इस ग्रन्थ में ८१ अतिसंक्षिप्त अध्यायों के द्वारा ताओवाद के संस्थापक महामनीषी लाओत्सी स्वयं तत्त्वज्ञानी होते हुए, परमतत्त्व ताओ का साक्षात्कार करने की दिशा दिखते हैं
वर्ण्य वास्तु, प्रसन्न एवं गंभीर शैली आदि विशेषताओं को लेकर ताओ ते चिंग उपनिषदों के तुल्य कहा जा सकता है
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